मध्य भारत मे नागपुर से १३० कि. मी. दक्षिण मे स्वप्नदेव श्री केशरीया पार्श्वनाथ का १०५ साल पुराना मनमोहक मंदिरजी का प्रांगण है | जिसमे २६०० वर्ष पुरानी अति प्राचीन २३ वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ प्रभू की प्रतिमा विराजित है | जिसकी चौडाई १४० से. मी. फण सहित है | प्रभू का यह अर्धपद्मासनस्थ विशाल चमात्कारिक रूप दर्शनार्थीयो के तन - मन में अतीव शांती प्रदान करता है|
दान - दाता महानुभावो के सहयोग से श्री जैन श्वेतांबर मंडळ ट्रस्ट, भद्रावती द्वारा संचालित पार्श्वनाथ जीव दया मैत्री धाम ( गौशाला ) के माध्यम से लावारीस, निराश्रित, बिमार, अपंग पशुओ को, यहा पर नगर परिषद द्वारा पकडे हुवे जखमी जानवर पोलीस स्टेशन से कसाईखानो मे जानेवाली गौमाताए तथा सामाजिक संगठनो द्वारा कसाईयो से बचाए हुए गौवंश, अशक्त मरणासन्न पशु ( गौवंश ) को भी आश्रय देकर उनकी सेवा - सुश्रुषा, दवा, चारा - पानी की नियमित व्यवस्था के साथ ही अन्य सुविधाए भी उपलब्ध कराती है| इन सारी व्यवस्थाओ मे काफी आर्थिक कठनाईया आती है|श्री पार्श्वनाथ जीवदया मैत्री धाम के निर्माण के पूर्णत्व के लिए बडा खर्च अपेक्षित है|